Lucknow: गांव से उठी आत्मनिर्भरता की मिसाल, आलापुर खेड़ा पंचायत ने दिखाया विकास का नया रास्ता।
जब इच्छाशक्ति मजबूत हो और सोच नवाचार से जुड़ी हो, तो सीमित संसाधन भी बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। मैनपुरी जिले की ग्राम पंचायत आलापुर खेड़ा ने यही साबित किया
- “₹10 में शुद्ध जल”-आरओ प्लांट से बदली आलापुर खेड़ा की पहचान, राजस्व में भी बढ़ोतरी
- डिजिटल लाइब्रेरी और आरआरसी से गांव हुआ स्मार्ट-आलापुर खेड़ा ने लिखी सफलता की कहानी
- मैनपुरी की आलापुर खेड़ा ग्राम पंचायत बनी मॉडल पंचायत-सरकारी अनुदान पर निर्भरता खत्म, अब अपने दम पर चल रही आलापुर खेड़ा पंचायत
- मैनपुरी की आलापुर खेड़ा पंचायत बनी प्रेरणा, नवाचार और पारदर्शिता से रचा इतिहास
- हर पंचायत बने आलापुर खेड़ा जैसी आत्मनिर्भर और सशक्त-माननीय मंत्री ओ.पी. राजभर
लखनऊ: जब इच्छाशक्ति मजबूत हो और सोच नवाचार से जुड़ी हो, तो सीमित संसाधन भी बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। मैनपुरी जिले की ग्राम पंचायत आलापुर खेड़ा ने यही साबित किया है। सरकारी अनुदानों पर निर्भर रहने के बजाय इस पंचायत ने अपने संसाधनों से स्वयं का राजस्व (Own Source Revenue-OSR) बढ़ाकर आत्मनिर्भरता की नई मिसाल पेश की है।
आलापुर खेड़ा ग्राम पंचायत ने गांव के विकास को ध्यान में रखते हुए कई अभिनव कदम उठाए हैं। पंचायत द्वारा स्थापित आरओ प्लांट से ग्रामीणों और दुकानदारों को मात्र ₹10 प्रति 20 लीटर की दर से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि बाजार में शुद्ध पेयजल ₹15 प्रति 20 लीटर की दर से मिल रहा था। इस पहल से न केवल ग्रामीणों को सुरक्षित जल मिल रहा है, बल्कि पंचायत को राजस्व भी प्राप्त हो रहा है।
इसके अलावा, अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत तालाब का सौंदर्यीकरण, पौधारोपण, जॉगिंग ट्रैक और मत्स्य पालन की व्यवस्था कर पर्यावरण संरक्षण को नया आयाम दिया गया है। रिसोर्स रिकवरी सेंटर (RRC) में स्व-सहायता समूह की महिलाएँ वर्मी कम्पोस्ट बनाकर “कचरे से कमाई” की दिशा में उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं। वहीं, पंचायत परिसर में स्थापित डिजिटल लाइब्रेरी विद्यार्थियों को मुफ्त अध्ययन की सुविधा प्रदान कर रही है।
इन प्रयासों के परिणामस्वरूप वर्ष 2025-26 में पंचायत ने ₹60,000 का OSR उत्पन्न हुआ तथा पिछले वर्ष ₹1,20,000 का OSR प्राप्त हुआ। ग्रामीणों में सेवा शुल्क के प्रति जागरूकता बढ़ी है और समुदाय का भरोसा पंचायत पर और मजबूत हुआ है।
ग्राम प्रधान सन्त प्रकाश स्वर्णकार ने दिखा दिया है कि यदि संकल्प हो तो गांव न केवल स्वच्छ और सशक्त बन सकता है, बल्कि अपने संसाधनों से ही विकास का पहिया आगे बढ़ा सकता है। यह मॉडल अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है।
पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर जी ने कहा कि ग्राम पंचायत आलापुर खेड़ा ने अपनी योजनाओं और नवाचारों के माध्यम से यह दिखाया है कि यदि इच्छाशक्ति और पारदर्शिता हो, तो सीमित संसाधनों से भी बड़ा परिवर्तन संभव है। हमारा उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, आलापुर खेड़ा की तरह, स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़े। विभाग ऐसी सफल पहलों को प्रोत्साहित करता रहेगा और अन्य जिलों में भी इन मॉडलों को दोहराने की दिशा में कदम उठाएगा।
अमित कुमार सिंह निदेशक पंचायती राज विभाग ने कहा कि ग्राम पंचायत आलापुर खेड़ा, जनपद मैनपुरी ने सीमित संसाधनों के बावजूद स्वयं का राजस्व (Own Source Revenue) बढ़ाने और जनसेवा को साथ जोड़ने का जो मॉडल प्रस्तुत किया है, वह पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणादायक है। आरओ प्लांट, रिसोर्स रिकवरी सेंटर और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी पहलें न केवल राजस्व सृजन कर रही हैं, बल्कि ग्रामीणों के जीवन की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार ला रही हैं।
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