Hapur : एनडीआरएफ ने कॉलेज में शुरू किया फैमेक्स कार्यक्रम, छात्रों को सिखाईं आपदा से बचने की तकनीकें
सबसे पहले सीपीआर (दिल और सांस की मालिश) का प्रदर्शन किया गया। टीम ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने या सांस रुकने पर सही समय पर सीपीआर देने से जान ब
हापुड़ के एसएसवी डिग्री कॉलेज में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की आठवीं वाहिनी गाजियाबाद ने फैमेक्स कार्यक्रम शुरू किया। इसका मकसद लोगों को विभिन्न आपदाओं से बचाव की जानकारी और व्यावहारिक प्रशिक्षण देना है। एनडीआरएफ टीम ने प्राकृतिक, रासायनिक, जैविक, परमाणु और मानव निर्मित आपदाओं से निपटने की तकनीकें सिखाईं।
सबसे पहले सीपीआर (दिल और सांस की मालिश) का प्रदर्शन किया गया। टीम ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने या सांस रुकने पर सही समय पर सीपीआर देने से जान बचाई जा सकती है। छात्रों को चेस्ट दबाने और मुंह से सांस देने की विधि हाथों-हाथ सिखाई गई।
इसके बाद बाढ़ से बचाव की ट्रेनिंग दी गई। प्लास्टिक की बोतलों की मदद से पानी में तैरने, नाव से सुरक्षित निकासी और ऊंचे स्थान पर जाने जैसे तरीके समझाए गए। टीम ने जोर दिया कि बाढ़ में घबराना नहीं चाहिए और बचाव दल के निर्देश मानने चाहिए।
छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान दिया गया। गले में कुछ अटकने (चोकिंग) की स्थिति में हैमलिक पद्धति और सांप काटने पर सही प्राथमिक उपचार बताया गया। टीम ने साफ कहा कि जहर चूसना या चीरा लगाना गलत है, मरीज को जल्दी अस्पताल पहुंचाना चाहिए।
कार्यक्रम में कॉलेज के प्राचार्य नवीन चंद सिंह, प्रोफेसर संगीता अग्रवाल, प्रोफेसर आरके शर्मा के साथ बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम ने भी सहयोग किया। एनडीआरएफ का यह प्रयास छात्रों को आपदा के समय न सिर्फ खुद को बचाना, बल्कि दूसरों की मदद करने में सक्षम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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