हरदोई: महिला थानाध्यक्ष कहीं साजिश का शिकार तो नहीं, एक बार डालिए इन तथ्यों पर नजर...

वहां एक प्राइवेट कर्मी पुलिस विभाग का काम कर रहा था, जिसके पास विभागीय जानकारियां(जैसे सीक्रेट आईडी पासवर्ड) आदि थे। सूत्रों के मुताबिक, विभगीय हेल्प डेस्क के पासवर्ड मुंशी के पास होते हैं और इसके पासवर्ड मुंशी के अतिरिक्त लगभ...

Dec 12, 2024 - 01:50
Dec 12, 2024 - 02:05
 0  351
हरदोई: महिला थानाध्यक्ष कहीं साजिश का शिकार तो नहीं, एक बार डालिए इन तथ्यों पर नजर...

By INA News Hardoi.
जिले में महिला थानाध्यक्ष के निलंबन के बाद से महिला थाना चर्चा में है। लोग इस बारे में तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। यदि इस मामले से जुड़े कुछ फैक्ट्स की बात करें तो कथित तौर पर महिला थाने में प्राइवेट कर्मी के रूप में काम करने वाले व्यक्ति के बारे में विभिन्न जानकारियां सामने आ रही हैं। एसपी नीरज कुमार जादौन की निष्पक्ष कार्यशैली कुछ लोगों के लिए सिर दर्द बनी हुई है।इसका बड़ा कारण है उनकी अद्वितीय नेतृत्व क्षमता। इसी बीच महिला थाने की यह घटना, जिसमें महिला थानाध्यक्ष को इसलिए निलंबित कर दिया गया, क्योंकि वहां एक प्राइवेट कर्मी पुलिस विभाग का काम कर रहा था, जिसके पास विभागीय जानकारियां(जैसे सीक्रेट आईडी पासवर्ड) आदि थे।सूत्रों के मुताबिक, विभगीय हेल्प डेस्क के पासवर्ड मुंशी के पास होते हैं और इसके पासवर्ड मुंशी के अतिरिक्त लगभग किसी के पास नहीं होते हैं। प्राइवेट कर्मी से जुड़े वायरल फ़ोटो में दिखाई दे रहा व्यक्ति असल में पुलिस वॉलेंटियर है।

यह भी पढ़ें: मुसलमानो...चेहरा अच्छे से पहचान लो', संभल जामा मस्जिद केस में वकील विष्णु शंकर जैन को मिली धमकी

वह महिला थाना में टेक्निकल या इलेक्ट्रिसिटी खराबियों के समय मदद करता है। उस दिन भी ऐसा ही हुआ था। ऑफिस के प्रिंटर में कुछ दिक्कत आ गयी थी, जिसे ठीक करने वह आया था। वायरल फ़ोटो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि जिस डेस्क पर वह व्यक्ति काम कर रहा है, उस पर किसी तरह का रजिस्टर, कागज आदि नहीं है। जबकि यदि कोई व्यक्ति विभागीय कार्य कर रहा होगा तो कोई रजिस्टर या कागज बगैरा डेस्क पर होगा ही। उस व्यक्ति को नवंबर 2019 में बेहतर पुलिस वॉलेंटियर के लिए प्रशस्ति पत्र भी मिल चुका है।इसके अलावा उस समय के एसपी अमित कुमार ने उसे सम्मानित भी किया था। जिसमें 2 अन्य व्यक्तियों को भी सम्मान मिला था। इतना ही नहीं, कोरोना काल में भी पुलिस के मित्र रूप में कई वॉलेंटियर्स ने लोगों को जागरूक करने का काम किया था, जिसमें उक्त व्यक्ति भी शामिल था। जिले के कई अखबारों व चैनल्स ने इसे प्रकाशित भी किया था। घटना वाले दिन जब यह व्यक्ति ऑफिस का प्रिंटर ठीक करने के लिए डेस्क पर था तो उसी समय किसी के द्वारा यह फोटो अपने कैमरे में कैद करके गलत शीर्षक के साथ वायरल कर दी गयी।

यह भी पढ़ें: Bengaluru Suicide: हो सके तो मेरी फैमिली की मदद कीजिएगा, और फिर इंजीनियर अतुल ने ख़ुदकुशी कर ली, वीडियो और सुसाइड नोट से खुल रहे रहस्य

नतीजन इसका खामियाजा बेवजह थानाध्यक्ष को भुगतना पड़ा। एसपी के सामने भी शायद इस मामले से जुड़े तथ्यों से तोड़-मरोड़कर इस तरह से रखा गया होगा जिससे थानाध्यक्ष दोषी जान पड़े। यह भी हो सकता है कि किसी के द्वारा आपसी खुन्नस से स्वयं की संतुष्टि व बदले की भावना से झूठ का जंजाल बनाया गया हो।सूत्रों के मुताबिक, वह व्यक्ति ऑफिस में किसी भी तरह की टेक्निकल या इलेक्ट्रिकल इश्यूज को रेजॉल्व करने के लिए ही आता था लेकिन वायरल फ़ोटो की सच्चाई को अलग तरह से पेश करके दोष मढ़ दिया गया। कुछ अंदरूनी लोगों के साथ थानाध्यक्ष का तालमेल ठीक से न बैठना भी इस मामले में एक बड़ा कारण हो सकता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow