दिलजीत दोसांझ का सकारात्मक संदेश: दुनिया में 2-4 लोग गलत कमेंट करने वाले मिल ही जाते हैं, बोले- मैं परवाह नहीं करता।
पॉपुलर पंजाबी और बॉलीवुड अभिनेता-संगीतकार दिलजीत दोसांझ ने एक बार फिर अपनी सादगी और सकारात्मक सोच से लाखों प्रशंसकों को प्रेरित
पॉपुलर पंजाबी और बॉलीवुड अभिनेता-संगीतकार दिलजीत दोसांझ ने एक बार फिर अपनी सादगी और सकारात्मक सोच से लाखों प्रशंसकों को प्रेरित किया है। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, "दुनिया में 2-4 लोग गलत कमेंट करने वाले मिल ही जाते हैं। मैं ऐसे लोगों की परवाह नहीं करता।" यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों ने इसे जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक माना। दिलजीत, जो अपनी फिल्मों और गानों से युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, ने इस टिप्पणी से साफ कर दिया कि आलोचना से ऊपर उठकर अपनी राह पर चलना ही सफलता की कुंजी है।
दिलजीत दोसांझ का जन्म 6 जनवरी 1984 को पंजाब के दोसा गांव में एक सिख परिवार में हुआ। उनके पिता बलवीर सिंह एक सरकारी बस ड्राइवर थे, जबकि मां सुखविंदर कौर गृहिणी। बचपन से ही दिलजीत को संगीत का शौक था। मात्र 18 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला एल्बम 'इश्क दा उत्ता' रिलीज किया, जो सुपरहिट रहा। लेकिन उनका सफर आसान नहीं था। शुरुआती दिनों में उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। वे खेती-बाड़ी में हाथ बंटाते और रातों को गाने रिकॉर्ड करते। 2009 में फिल्म 'मेल कर ले' से एक्टिंग में डेब्यू किया, लेकिन असली पहचान 2013 की फिल्म 'जट्ट एंड जुलियट' से मिली। इस फिल्म ने पंजाबी सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
बॉलीवुड में एंट्री के बाद दिलजीत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2016 की 'उड्टा पंजाब' में उनका किरदार शरणजीत सिंह धमाल मचा गया। फिर 'फिल्लौरी', 'सूरमा', 'वेलकम टू न्यूयॉर्क' जैसी फिल्मों में उन्होंने अपनी कॉमेडी टाइमिंग और अभिनय से दर्शकों को बांध लिया। लेकिन 2021 की 'संदीप और पिंकी फरार' और 2023 की 'जोगा' ने उन्हें नेशनल अवॉर्ड तक दिला दिया। हाल ही में रिलीज हुई 'बॉर्डरलैंड्स' से हॉलीवुड डेब्यू किया। संगीत के क्षेत्र में तो वे पहले ही सुपरस्टार हैं। 'गोबीटियन', 'ड्राइवर्स लाइसेंस', 'गर्मी' जैसे गाने बिलबोर्ड चार्ट्स पर टॉप कर चुके हैं। 2024 में उनका गाना 'नच पंजाब' ने 100 मिलियन व्यूज पार किए। दिलजीत की खासियत यह है कि वे पंजाबी संस्कृति को गर्व से जीते हैं। उनके कंसर्ट्स में हजारों लोग नाचते-गाते दिखते हैं।
सोशल मीडिया पर दिलजीत की मौजूदगी भी अनोखी है। इंस्टाग्राम पर उनके 18 मिलियन फॉलोअर्स हैं, जहां वे पंजाबी स्टाइल में पोस्ट करते हैं। लेकिन इसी प्लेटफॉर्म पर उन्हें ट्रोल्स और नकारात्मक कमेंट्स का भी सामना करना पड़ता है। कभी उनकी ड्रेसिंग पर, तो कभी उनके अंग्रेजी बोलने पर मजाक उड़ाया जाता। एक बार तो किसी ने उनके हॉलीवुड प्रोजेक्ट को 'पंजाबी का घमंड' कह दिया। लेकिन दिलजीत ने हमेशा हंसकर टाल दिया। हाल के इंटरव्यू में, जो न्यूज24 चैनल पर प्रसारित हुआ, उन्होंने ठीक यही बात कही। जब पूछा गया कि आलोचना से कैसे डील करते हैं, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "दुनिया में 2-4 लोग गलत कमेंट करने वाले मिल ही जाते हैं। मैं ऐसे लोगों की परवाह नहीं करता।" यह बयान उनके जीवन दर्शन को दर्शाता है। वे मानते हैं कि सफलता का मतलब यह नहीं कि सबकी तारीफ हो, बल्कि यह कि आप अपने काम से संतुष्ट हों।
दिलजीत की यह सोच उनके करियर की कई घटनाओं से जुड़ी है। 2018 में जब 'वेलकम टू न्यूयॉर्क' फ्लॉप हुई, तो क्रिटिक्स ने उन्हें बॉलीवुड के लिए अनफिट कहा। लेकिन दिलजीत ने 'सूरमा' से कमबैक किया, जो शहीद हॉकी प्लेयर संदीप सिंह की बायोपिक थी। इस फिल्म के लिए उन्होंने 15 किलो वजन कम किया और हॉकी सीखी। फिल्म ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाई, बल्कि दिलजीत को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी दिलाया। इसी तरह, संगीत में जब 'ड्राइवर्स लाइसेंस' को कॉपीराइट इश्यू का सामना करना पड़ा, तो उन्होंने नया वर्जन रिलीज कर दिया। ट्रोल्स ने कहा कि वे ओरिजिनल नहीं हैं, लेकिन दिलजीत ने कहा, "मैं अपना संगीत दुनिया को दे रहा हूं, विवाद क्यों?" उनकी यह नजरिया युवाओं को सिखाती है कि नकारात्मकता को इग्नोर करके क्रिएटिविटी पर फोकस करें।
दिलजीत का व्यक्तिगत जीवन भी उतना ही सादा है। वे शाकाहारी हैं और योग करते हैं। 2020 में कोविड के दौरान उन्होंने पंजाब के किसानों के लिए 1 करोड़ रुपये दान किए। वे पर्यावरण संरक्षण के लिए भी सक्रिय हैं। एक बार उन्होंने प्लास्टिक बैग्स के खिलाफ कैंपेन चलाया। उनकी दोस्ती विराट कोहली और सलमान खान से भी चर्चित है। सलमान ने उन्हें 'भाई' कहा और 'लवयात्री' में काम दिया। लेकिन दिलजीत कभी स्टारडम के पीछे नहीं भागे। वे कहते हैं, "मैं एक किसान का बेटा हूं, मिट्टी की खुशबू मेरी पहचान है।" हाल ही में लंदन के ओ2 एरिना में उनके कंसर्ट ने इतिहास रचा, जब 20 हजार लोग उनके गानों पर झूमे। वहां भी कुछ ने टिकट प्राइस पर सवाल उठाए, लेकिन दिलजीत ने कहा, "संगीत सबके लिए है, लेकिन मेहनत का फल तो मिलेगा।"
यह बयान सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा। ट्विटर पर DiljitDosanjh ट्रेंड किया। युवा यूजर्स ने शेयर किया कि कैसे वे ट्रोलिंग से डिप्रेशन में चले जाते थे, लेकिन दिलजीत के शब्दों से मजबूत बने। एक यूजर ने लिखा, "दिलजीत सर सही कह रहे हैं, 2-4 लोग तो हर जगह होते हैं।" मनोवैज्ञानिक भी इसकी तारीफ कर रहे हैं। वे कहते हैं कि नकारात्मक कमेंट्स से बचने का सबसे अच्छा तरीका इग्नोर करना है। सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स बताते हैं कि आजकल 70 प्रतिशत यूजर्स ट्रोलिंग का शिकार होते हैं, लेकिन सकारात्मक लोग ही आगे बढ़ते हैं। दिलजीत का उदाहरण प्रूफ है।
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