Hardoi Double Suicide Case: हरदोई में दो अलग-अलग आत्महत्या की घटनाएं, एक की मौत, दूसरे को बचाया गया
दूसरी घटना में, उसी दिन सुबह एक अन्य 40 वर्षीय व्यक्ति, बाकू, ने भी फांसी लगाने का प्रयास किया। पुलिस को समय पर सूचना मिलने के कारण उनकी त्वरित कार्रवाई से बाकू की जान बच...
By INA News Hardoi.
हरदोई: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में मंगलवार सुबह दो अलग-अलग स्थानों पर फांसी की घटनाएं सामने आईं, जिन्होंने स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया। कोतवाली शहर क्षेत्र के सराय थोक पश्चिमी मोहल्ले में 40 वर्षीय अरविंद गुप्ता ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जबकि दूसरी घटना में 40 वर्षीय बाकू को आत्महत्या के प्रयास से पुलिस ने बचा लिया। अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) नृपेंद्र ने दोनों घटनास्थलों का निरीक्षण कर जांच के आदेश दिए हैं।
पुलिस के अनुसार, सराय थोक पश्चिमी मोहल्ले में मंगलवार सुबह 7:15 बजे अरविंद गुप्ता ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 40 वर्षीय अरविंद के दो बच्चे, 13 वर्षीय अंबिका और 7 वर्षीय शिवांश, घटना के समय अपने कमरे में सो रहे थे। अरविंद की पत्नी की दो साल पहले मृत्यु हो चुकी थी, और उनके पिता राम आसरे घर के निचले हिस्से में रहते हैं। स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद कोतवाली पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। अरविंद के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है, और पुलिस परिवार वालों व आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है।
दूसरी घटना में, उसी दिन सुबह एक अन्य 40 वर्षीय व्यक्ति, बाकू, ने भी फांसी लगाने का प्रयास किया। पुलिस को समय पर सूचना मिलने के कारण उनकी त्वरित कार्रवाई से बाकू की जान बच गई। बाकू को सुरक्षित निकालकर उनकी स्थिति की निगरानी की जा रही है, और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए काउंसलिंग के लिए भेजा गया है। इस घटना ने पुलिस की सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की है।
अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) नृपेंद्र ने दोनों घटनास्थलों का दौरा करने के बाद बयान जारी किया। उन्होंने कहा, "मंगलवार सुबह कोतवाली शहर क्षेत्र में दो अलग-अलग स्थानों पर आत्महत्या से संबंधित घटनाएं सामने आई हैं। अरविंद गुप्ता ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, और उनका शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। दूसरी घटना में बाकू को आत्महत्या के प्रयास से बचाया गया है। दोनों मामलों की गहन जांच की जा रही है, और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट व अन्य साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।"
अरविंद गुप्ता के परिवार की स्थिति दुखद रही है। उनकी पत्नी की दो साल पहले मृत्यु के बाद से वह अपने दो छोटे बच्चों, अंबिका और शिवांश, की परवरिश अकेले कर रहे थे। उनके पिता राम आसरे भी उनके साथ रहते थे, लेकिन घटना के समय वह घर के निचले हिस्से में थे। स्थानीय लोगों के अनुसार, अरविंद पिछले कुछ समय से तनाव में थे, हालांकि आत्महत्या का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। बाकू के मामले में भी पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उनके आत्महत्या के प्रयास के पीछे क्या कारण थे।
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