मसूरी में बाल संरक्षण आयोग ने तिब्बत होम्स का किया निरीक्षण, 1 जून से मसूरी में बाल श्रम के तहत होटल ढाबों रेस्टोरेंट में काम करने वाले बच्चों को किया जायेगा रेस्क्यू।
रिपोर्टर सुनील सोनकर
उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डा.गीता खन्ना आज मसूरी पहुंची जहां पर उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में डिप्टी डायरेक्टर और अन्य अधिकारियों के साथ बाल अधिकार ऑन बाल अधिकारों और जेंडर को लेकर चर्चा की गई। प्रदेश में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के गठन का उद्देश्य प्रदेश में बाल अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करना है।
एक ऐसी व्यवस्था स्थापित करना है जो बच्चों के हित में सभी कानूनी प्रावधानों, उनके संरक्षण और विकास के लिए प्रदेश में चलाई जा रही समस्त योजनाओं की सटीकता, सम्पूर्णता, प्रभावशीलता की निगरानी कर सके और उन्हें और अधिक प्रभावोत्पादक बनाने के लिए सजग प्रहरी और मार्ग-दर्शक की भूमिका निभा सके ताकि प्रदेश में बच्चों के लिए सकारात्मक, खुशहाल वातावरण निर्मित हो।
उन्होंने बताया कि देष में जेंडर को लेकर जो भ्रांतियां हैं उसको उसे पर काम करने की जरूरत है जिससे समाज को जोड़ा जा सके। स्कूलों में भी बाल संरक्षण के अधिकारों और जेंडर को लेकर पाठ्यक्रमों में विश्यों में षामिल किया जाये जिससे वह जागरूक हा सके।
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा मसूरी के तिब्बतन होम्स रूकूल का भी निरीक्षण किया गया जहां पर तिब्बती समुदाय के बच्चे पढ़ाई करते हैं उन्होंने कहा कि उनके द्वारा एक तिब्बतन होम्स का निरीक्षण किया गया था जहां पर बच्चों की संख्या बहुत कम थी और इस चिंतनवह काफी प्रसन्न है यहां पर बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा रही है वहीं पढ़ाई को लेकर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि जो बच्चे भीख मांगते हुए देखे जा रहे हैं वह किसी वह किसी माफिया के अंदर में नहीं है तहत वह मजबूरी में या भीख मांग रहे हैं उनको लेकर बाल संरक्षण आयोग काुी चिंितत है और भीख मांग रहे बच्चों को मुख्य धारा से जोडने का प्रयास किया जा रहा है। चिल्ड्रन ओंन स्ट्रीट सिचुएशन के तहत केन्द्र और राज्य सरकार काम कर रही है जिसके तहत भीख मांगने वाले बच्चों को स्कूल में एडमिशन दिलाने के साथ छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जा रही है।
वहीं इन बच्चों को समाज के मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में बाल श्रम को रोकने के लिए पहली जून से पहाड़ों की रानी मसूरी से एससीपीसीआर द्वारा 1जून से 3. जून तक अभियान शुरू किया जा रहा है। जिसके तहत मसूरी में होटल होमस्टे रेस्टोरेंट डब्बो में काम कर रहे बच्चों को रेस्क्यू किया जाएगा और उनको समाज के मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने मसूरी होटल एसोसिएशन, मसूरी व्यापार मंडल, होम स्टे एसोसिएशन से अपील की है की बचपन को सुरक्षित रखने के लिये उनके और मासूम बच्चों को से अपने संस्थानों में काम पर ना लगाये। उन्होंने लोगो से भी अपील की कि जो भी बच्चा कहीं भी काम करते हुए नजर आए वह उसकी शिकायत कहा कि डीएम पोर्टल में अपलोड करें । वह बाल संरक्षण आयोग के मेंल कर जानकारी दे। जिससे की बचपन को बचाया जा सक। और उनका समाज की मुख्यधारा से वंचित होने से बचाया जा सके
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