Deoband: राज्यभर के मदरसों में संस्कृत की शिक्षा को वैकल्पिक विषय के रुप में शामिल किया जाए- शमून
कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की इच्छा है कि मदरसा जाने वाले बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जाए। इसलिए निर्णय लिया गया है कि राज्यभर के मदरसों में संस्कृत की शिक्षा को वैकल्पिक विषय के रुप में शामिल किया जाए।
Deoband News INA.
उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि राज्यभर के मदरसों में छात्रों को अरबी के साथ साथ संस्कृत भी पढ़ाई जाएगी। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। हरी झंडी मिलते ही मदरसों में वैलल्पिक आधार पर संस्कृत शिक्षा शुरु कर दी जाएगी। रविवार को देवबंद पहुंचे मुफ्ती शमून कासमी ने लोकनिर्माण अतिथिगृह में पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की इच्छा है कि मदरसा जाने वाले बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जाए। इसलिए निर्णय लिया गया है कि राज्यभर के मदरसों में संस्कृत की शिक्षा को वैकल्पिक विषय के रुप में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य के मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम शुरु करने से इस वर्ष अच्छे परिणाम सामने आए हैं।
इसमें करीब 96 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए है। इससे यह पता लगता है कि मदरसों में अध्ययनरत् छात्रों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। यदि उन्हें अवसर दिया जाए तो वे संस्कृत सहित दूसरे विषयों में भी शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं। मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि अरबी और संस्कृत दोनों प्राचीन भाषाएं हैं। मदरसा छात्रों को अरबी के साथ अगर संस्कृत सीखने का विकल्प मिलता है तो यह उनके लिए लाभदायक होगा। उन्होंने उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में पूर्व में मस्जिदों और मदरसों को लेकर हिंदू संगठनों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन पर कहा कि धामी सरकार निष्पक्ष रुप से कार्य कर रही है। राज्य में किसी भी वर्ग के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। हमारी सरकार पीएम नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र पर काम कर रही है। इस दौरान सलीम कुरैशी, भाजपा के पूर्व प्रदेश सचिव मुस्तफा कुरैशी, मौलाना फजलुर्रहमान, रिजवान, परवेज अब्बासी, दिलशाद, फय्याज आदि मौजूद रहे।
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