कर्नाटक: 80 साल पुरानी पानी की टंकी ढहने से अफरा-तफरी, बिना सुरक्षा उपायों के तोड़ने से व्यक्ति बाल-बाल बचा।
Karnataka Viral News: कर्नाटक के बेलगावी जिले में एक चौंकाने वाली घटना घटी, जब 80 साल पुरानी पानी की टंकी को बिना सुरक्षा उपायों के तोड़ा गया। यह टंकी बेलगावी ....
कर्नाटक के बेलगावी जिले में एक चौंकाने वाली घटना घटी, जब 80 साल पुरानी पानी की टंकी को बिना सुरक्षा उपायों के तोड़ा गया। यह टंकी बेलगावी के बक्काबुंडी रोड पर स्थित थी और जर्जर होने के कारण इसे गिराने का आदेश जिला उपायुक्त ने दिया था। टंकी के ढहते ही आसपास अफरा-तफरी मच गई, और एक व्यक्ति बाल-बाल बच गया। यह घटना स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है, क्योंकि टंकी को तोड़ने से पहले कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे। इस हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसने लोगों का ध्यान प्रशासनिक लापरवाही और पुरानी संरचनाओं के रखरखाव की ओर खींचा।
घटना की जानकारी के अनुसार, बक्काबुंडी रोड पर स्थित यह पानी की टंकी 1940 के दशक में बनाई गई थी और कई दशकों तक क्षेत्र के निवासियों को पीने का पानी उपलब्ध कराती रही। समय के साथ टंकी की हालत खराब हो गई थी। इसके कंक्रीट में दरारें पड़ चुकी थीं, और लोहे की छड़ें जंग खाकर कमजोर हो गई थीं। स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी मरम्मत या इसे हटाने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। आखिरकार, जिला उपायुक्त ने टंकी को जर्जर घोषित कर इसे तोड़ने का आदेश दिया। हालांकि, टंकी को गिराने की प्रक्रिया में बुनियादी सुरक्षा उपायों की अनदेखी की गई, जिसके कारण यह हादसा हुआ।
जानकारी के मुताबिक, 15 अगस्त की सुबह टंकी को तोड़ने का काम शुरू किया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, न तो क्षेत्र को खाली कराया गया और न ही आसपास के लोगों को इसकी सूचना दी गई। टंकी के ढहते ही धूल का गुबार छा गया और तेज आवाज से आसपास के लोग घबरा गए। उस समय एक व्यक्ति टंकी के पास से गुजर रहा था, जो गिरते मलबे से बाल-बाल बच गया। इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन यह घटना गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकती थी। वायरल वीडियो में दिखाई देता है कि टंकी के ढहने से पहले कोई सुरक्षा घेरा नहीं बनाया गया था, और लोग आसपास मौजूद थे।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन की लापरवाही पर गुस्सा जताया है। एक निवासी ने बताया कि टंकी को तोड़ने से पहले कोई चेतावनी नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा, “अगर कोई व्यक्ति मलबे के नीचे आ जाता, तो उसकी जान भी जा सकती थी। प्रशासन को पहले क्षेत्र को खाली कराना चाहिए था।” एक अन्य निवासी ने बताया कि टंकी की हालत कई सालों से खराब थी, और स्थानीय नगर पालिका को इसकी जानकारी थी। फिर भी, समय पर कार्रवाई न करने के कारण यह हादसा हुआ।
पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है। बेलगावी के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि टंकी को तोड़ने की प्रक्रिया में शामिल ठेकेदार और अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि सुरक्षा उपायों की अनदेखी क्यों की गई। जिला प्रशासन ने भी एक जांच समिति गठित की है, जो इस बात की जांच करेगी कि टंकी को तोड़ने की प्रक्रिया में क्या गलतियां हुईं। समिति से सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
यह घटना कर्नाटक में पुरानी और जर्जर संरचनाओं की स्थिति पर सवाल उठाती है। हाल के वर्षों में राज्य में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां जर्जर संरचनाओं के ढहने से जान-माल का नुकसान हुआ है। उदाहरण के लिए, अगस्त 2023 में बेंगलुरु के शिवाजी नगर में एक चार मंजिला इमारत पर रखी पानी की टंकी ढह गई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। उस हादसे में भी सुरक्षा उपायों की कमी को जिम्मेदार ठहराया गया था। इसी तरह, दावणगेरे में एक ओवरहेड टंकी के ढहने से दो घरों को नुकसान पहुंचा था। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि पुरानी संरचनाओं के रखरखाव और उनके सुरक्षित हटाने की प्रक्रिया पर ध्यान देने की जरूरत है।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोगों में गुस्सा और चिंता देखी जा रही है। एक एक्स पोस्ट में एक यूजर ने लिखा, “कर्नाटक में प्रशासन की लापरवाही फिर से सामने आई। 80 साल पुरानी टंकी को बिना सुरक्षा के तोड़ा गया, जिससे एक बड़ा हादसा हो सकता था।” एक अन्य यूजर ने सवाल उठाया कि क्या प्रशासन ऐसी घटनाओं से सबक लेगा। कई लोगों ने मांग की कि पुरानी संरचनाओं की नियमित जांच और उनके रखरखाव के लिए एक नीति बनाई जाए।
कर्नाटक में पानी की टंकियों के ढहने की घटनाएं पहले भी चर्चा में रही हैं। उदाहरण के लिए, मंगलुरु में 2023 में कर्नाटक गंगा कल्याण योजना के तहत बनी एक टंकी ढह गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इन घटनाओं ने पुरानी और खराब हालत वाली संरचनाओं के प्रति प्रशासन की उदासीनता को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुरानी पानी की टंकियों की नियमित जांच और मरम्मत जरूरी है। कई टंकियां दशकों पुरानी हैं और उनके कंक्रीट और लोहे की संरचना समय के साथ कमजोर हो जाती है। अगर समय पर कार्रवाई न की जाए, तो ये टंकियां आसपास के लोगों के लिए खतरा बन सकती हैं।
इस घटना ने स्थानीय निवासियों में डर पैदा कर दिया है। बक्काबुंडी रोड के आसपास कई घर, दुकानें और स्कूल हैं। अगर टंकी के ढहने के दौरान कोई बड़ा हादसा हो जाता, तो जान-माल का भारी नुकसान हो सकता था। स्थानीय लोग अब मांग कर रहे हैं कि प्रशासन पुरानी इमारतों और संरचनाओं की जांच के लिए एक विशेष अभियान चलाए। उन्होंने यह भी मांग की कि भविष्य में ऐसी संरचनाओं को तोड़ने से पहले सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन किया जाए।
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह की घटनाओं के बारे में तुरंत सूचना दें। साथ ही, प्रशासन ने वादा किया है कि भविष्य में ऐसी लापरवाही नहीं होगी। बेलगावी नगर पालिका ने कहा कि वह क्षेत्र में अन्य पुरानी संरचनाओं की जांच शुरू करेगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि बुनियादी ढांचे के रखरखाव और सुरक्षा मानकों की कमी को भी सामने लाती है। कर्नाटक में कई शहरों में पुरानी पानी की टंकियां और इमारतें अभी भी उपयोग में हैं, जिनकी हालत खराब है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार को एक विशेष नीति बनानी चाहिए, जिसके तहत पुरानी संरचनाओं की नियमित जांच हो और जरूरत पड़ने पर उन्हें सुरक्षित तरीके से हटाया जाए।
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