MP News: झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज ने लेली मासूम की जान, लापरवाही से 11 वर्षीय बच्ची की मौत।
संदिग्ध मामले की पुलिस कर रही जांच,आखिर क्यों नही हो रही झोलाछाप डॉक्टरों पर कोई कार्यवाही, गांव गांव खोलकर बैठे है झोलाछाप मौत की दुकान,प्रशासन की अनदेखी पर उठ रहे कई सवाल ....
रिपोर्ट- शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई थाना रोड क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने 11 वर्षीय मासूम की जान ले ली। मृत बच्ची रुचि बली पवार, निवासी खंबारा थी। तीन दिन तक एक झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने के बाद जब उसकी हालत नहीं सुधरी, तो परिजन उसे शासकीय अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
अस्पताल में पदस्थ डॉ. पंचम सिंह के अनुसार, बच्ची को गंभीर डिहाइड्रेशन था, उसका बीपी और पल्स नहीं मिल रहा था। शाम करीब 6.30 बजे डॉक्टरों की कोशिशों के बावजूद बच्ची ने दम तोड़ दिया। बीएमओ का कहना है कि यदि समय पर उचित इलाज मिलता, तो बच्ची की जान बचाई जा सकती थी।
- मामला संदिग्ध, फिर भी नहीं हुआ पोस्टमार्टम
बच्ची की मां कविता बाई ने बताया कि वह मायके गई थीं और उन्हें विश्वास था कि झोलाछाप डॉक्टर ठीक इलाज करेगा। अस्पताल प्रशासन ने शव का पोस्टमार्टम कराने की कोशिश की, पर परिजनों ने इनकार कर दिया। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब मामला संदिग्ध था, इलाज झोलाछाप डॉक्टर से हुआ, और बच्ची की मौत हुई—तो फिर पोस्टमार्टम क्यों नहीं किया गया? क्या प्रशासन की यह लापरवाही नहीं मानी जाएगी?
- झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार, प्रशासन मौन
मुलताई व आसपास के ग्रामीण इलाकों में दर्जनों झोलाछाप डॉक्टर अवैध रूप से क्लिनिक चला रहे हैं। बिना डिग्री और पंजीकरण के इलाज कर रहे ये लोग सीधे मासूम जानों से खिलवाड़ कर रहे हैं। इसके बावजूद न स्वास्थ्य विभाग जागा है, न प्रशासन की कोई कार्रवाई दिखती है।
- थाना प्रभारी का बयान
थाना प्रभारी देवकरण डहेरिया ने बताया कि अस्पताल से मामले में तहरीर प्राप्त हुई है और नियमानुसार जांच की जा रही है। बीएमओ द्वारा भी रिपोर्ट पुलिस को सौंपी जा चुकी है। यह घटना न केवल एक मासूम की मौत की त्रासदी है, बल्कि मौन प्रशासन और फर्जी इलाज के खिलाफ एक गंभीर चेतावनी भी।
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